1. डाॅ. भरत सिंह: प्रतिश्रुति और परिवर्तन: पृष्ठ 162
2. डाॅ. विजय शंकर मल्ल: हिन्दी काव्य में प्रगतिवाद: पृष्ठ 87
3. डाॅ. विजय शंकर मल्ल: हिन्दी काव्य में प्रगतिवाद: पृष्ठ 87,88
4. जनवादी साहित्य विशेषांक उत्तरार्ध अंक 20, पृष्ठ 68
5. डाॅ. भरत सिंह: प्रतिश्रुति और परिवर्तन: पृष्ठ 163
6. डाॅ. हरिशंकर परिसाई: अध्यक्षीय भाषण: राष्ट्रीय प्रगतिशील लेखक महासंघ, द्वितीय सम्मेलन।
7. पन्त: आाधुनिक कवि, भाग-2, भूमिका पृष्ठ 11
8. डाॅ. लल्लन राय: हिन्दी की प्रगतिशील कविता, पृष्ठ 3
9. डाॅ. नामवर सिंह: आधुनिक साहित्य की प्रवृत्तियां, पृ0 57
10. डाॅ. शिवदान सिंह चैहान: साहित्य की समस्याएं, पृ0 54
11. निराला रचनावली पृ0 374
12. डाॅ. रामविलास शर्मा: श्रम का सूरजः पृ0 11
13. जनवादी साहित्य विशेषांक, उत्तरार्ध 20, परिशिष्ट, पृ0 68