International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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सूर्यकांत त्रिपाठी निराला: राम की शक्तिपूजा का मूल्यांकन
1 Author(s): SUMANLATA
Vol - 8, Issue- 1 , Page(s) : 162 - 166 (2017 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
‘राम की शक्तिपूजा’, ‘परिवर्तन’, ‘अंधेरे में’ और ‘मुक्ति-प्रसंग’ ऐसी काव्य रचनाएॅं हैं जो कठिन समय में राहत देती हैं, कहने दीजिए कि आध्यात्मिक राहत! यह रचनाएॅं नए किस्म के महाकाव्य का विकल्प है क्योंकि विषय और वस्तु, दोनों धरातलों पर इनका पसारा महाकाव्यात्मक हैं। निराला, पंत, मुक्तिबोध और राजकमल चैधरी की यह कविताएॅं लंबी कविताओं के विशिष्ट माॅडल भी हैं। यहाॅं कतई संक्षेप में ‘राम की शक्तिपूजा’ के एक संभावित अर्थ को समझने की कोशिश करते हैं।