भारत में लोकतांत्रिक विकास के साधन के रूप में नागरिक शिक्षा
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Author(s):
DEEPAK
Vol - 8, Issue- 2 ,
Page(s) : 47 - 58
(2017 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
Abstract
लोकतंत्रा शब्द का उद्भव यूनानी शब्द डेमोस ;लोगद्ध और केरेटोस ;शासनद्ध से हुआ है जिसका अर्थ है जनता का शासन। इस प्रणाली में सरकार का चुनाव जनता द्वारा किया जाता है। यह सरकार जो जनता के प्रतिनिध्यिांे द्वारा बनती है से आशा की जाती है कि यह जनता के कल्याण हेतु कार्य करेगी। इसी संदर्भ के अनुसार अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने अपने शब्दों में लोकतंत्रा को ‘लोगो का, लोगो के लिए और लोगो के द्वारा’ के रूप में परिभाषित किया। भारतीय लोकतंत्राीय गणराज्य का स्वरूप हमें संविधन की प्रस्तावना से प्राप्त होता है जिसका अर्थ लोकतांत्रिक समाज से भी है। यह तत्व मुख्य रूप से न्याय, स्वतंत्राता, समानता तथा बंध्ुत्व जैसे मूल्यों से प्रभावित होता है। सार्वजनिक रोजगार के लिए महिला एवं पुरुष तथा जाति, ध्र्म के आधर पर भेदभाव की मनाही लोकतांत्रिक मूल्यों को लागू करती हैै। भारतीय संविधन प्रत्येक नागरिक को यह महसूस करने की स्थिति प्रदान करता है कि यह देश हमारा है।
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