1 वाई.डी. सिहंः राजस्थान के कुएं एवं बावडियां पृ.सं. 1 से 38 तक
2 माणक (मासिक राजस्थानी पत्रिका) फरवरी 2009 एवं फरवरी 2006 पर्यटण अंक से
3 श्री गोविन्द श्रीमाली: राजस्थान के अभिलेख भाग-प्रथम (विवरण सूची से) संकलित
4 श्री ब्रज मोहन जावलियाः ‘लोक जीवन में कृषक शब्दावली’ से
5 श्री गोविन्द श्रीमाली: ‘लोक जीवन में कृषक शब्दावली’ से पृ.स. 16
7 एपिग्राफिया इण्डिका खण्ड(19) पृ.सं. 43 पर निर्देशित एवं ‘‘राजपूत एकता’’ वर्ष 4 अंक 13, अगस्त 1993 में पुनः उल्लिखित है।
8 (क) एपिग्राफिया इण्डिका प्र.सं. 312,313
(ख) डाॅ. जी.एन. शर्मा, राजस्थान के इतिहास के स्त्रोत पृ.सं. 115, 116
9 श्री गोविन्द श्रीमाली: ‘लोक जीवन में कृषक शब्दावली’ पृ.सं. 268
10. डाॅ. हुकमसिहं भाटी: सोनगरा चैहानों का इतिहास पृ.सं. 251 परिशिष्ट - 2
11. श्री गोविन्द श्रीमाली: ‘लोक जीवन में कृषक शब्दावली’ पृ.सं. 5
12. डाॅ. मांगीलाल व्यास ‘मयंकः जोधपुरा राज्य का इतिहास पृ.सं. 292,293
13. श्री गोविन्द श्रीमालीः: ‘लोक जीवन में कृषक शब्दावली’ पृ.सं. 328, 329 (एक मन = 40 किलो)
14. ‘‘जोधपुर हुकुमत की बही’’ संपादक स्व. महाराजकुमार श्री रघुवीरसिहं के पाठ अनुसार
15. डाॅ. आर.जी. भण्डारकर: प्रोगे्र-रिपोर्ट आकर््यो सर्वे वेस्टर्न सर्किल 1911 पृ. 53
16. डाॅ. मांगीलाल व्यासः मारवाड़ के अभिलेख पृ.सं. 32 एंव पृ.सं. 78
17. गोविन्द श्रीमालीः लोक जीवन में कृषक शब्दावली’ पृ.सं. 355-356
18. गोविन्द श्रीमालीः लोक जीवन में कृषक शब्दावली’ पृ.सं. 437
19. गोविन्द श्रीमालीः लोक जीवन में कृषक शब्दावली’ पृ.सं. 436
20. गोविन्द श्रीमालीः लोक जीवन में कृषक शब्दावली’ पृ.सं. 444-445
21. गोविन्द श्रीमालीः लोक जीवन में कृषक शब्दावली’ पृ.सं. 442
22. गोविन्द श्रीमालीः लोक जीवन में कृषक शब्दावली’ पृ.सं. 447-448
23. गोविन्द श्रीमालीः लोक जीवन में कृषक शब्दावली’ पृ.सं. 601