( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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बदलते परिवेश में स्त्री-पुरूष सम्बन्ध

    1 Author(s):  DR. SARLA SHARMA

Vol -  8, Issue- 1 ,         Page(s) : 383 - 387  (2017 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

सृष्टि के अनादिकाल से स्त्री -पुरूष सम्बन्धों का चित्रण हमारी पारिवारिक संस्था का मूल आधार रहा है।स्त्री -पुरूष दोनों एक-दुसरे के पूरक माने जाते है। सामजिक जीवन का सन्तुलन व उसकी अखण्ड महत्ता के लिए विवाह संस्कार की व्यवस्था की गई हैं। स्त्री-पुरूष दोनो का अस्तित्व एक-दूसरे पर निर्भर रहता हैं। इन सम्बन्धों के विविध पक्षों पर साहित्कारों ने सूक्ष्म चिन्तन दृष्टि से प्रकाश डाला है।

1. महिलाओं की दृष्टि में पुरुष - डाॅ पुरुषोतम आसोपा  पृ. स.ं 53
2. महिलाओं की दृष्टि में पुरुष - डाॅ पुरुषोतम आसोपा पृ सं. 53
3. त्रिशंकु - मन्नू भण्डारी पृ स. 39
4. हंस और समकालिन हिन्दी कहानी - सुनीता सांगवान पृ. स. 124
5. हंस और समकालीन हिन्दी कहानी - सुनीता सांगवान पृ. स. 125
6. हंस और समकालीन हिन्दी कहानी - सुनीता सांगवान पृ स. 126
7. आपका बंटी - मन्नू भण्डारी पृ स. 186

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