सम्राट अशोक और महात्मा गांधी की विचारधारा और उद्देष्यों में समानता के तत्व
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Author(s):
MUHAMMAD AMIR
Vol - 8, Issue- 7 ,
Page(s) : 220 - 229
(2017 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
Abstract
सम्राट अषोक और महात्मा गांधी जी दोनों व्यक्ति अपने मानवीय, उदार, धार्मिक सहिश्णुता तथा सकारात्मक विचारों और उनके सफल क्रियान्वयन के चलते धर्म और देष की सीमाओं को तोड़ते हुए वैष्विक स्तर पर अपनी प्रभाव छोड़ने में सफल हुए। सम्राट अषोक अहिंसा एवं षांति के सिöान्तों को अपनाने वाले महान राजा तथा महात्मा गांधी जी सत्य-अहिंसा पर आधारित एक महान राजनीतिक-सामाजिक आंदोलन चलाकर भारत को स्वतन्त्रता दिलाने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी एवं समाज सुधारक थे। हम देखते हैं कि इन दोनों महान व्यक्तियों के समय काल और कार्यों की प्रकृति में काफी अन्तर के बावजूद इनका गहन अध्ययन करने पर हमें इनमें एक महत्वपूर्ण समानता दिखाई देती है; जो इन दोनों को एक स्थान पर ला खड़ा करती है और वह है इनकी विचारधारा तथा इनके उद्देष्यों में समानता के तत्वों की प्रभावी उपस्थिति। भिन्नताओं में समानता की यह उपस्थिति अपने आप में अनोखी और विचारणीय है। सम्राट अषोक और महात्मा गांधी दोनों के अंतिम उद्देश्य श्रेश्ठ मानवीय मूल्यों के साथ लोगों के जीवन को षांति एवं विकास के पथ पर अग्रसर करके सभी के लिए सुखी एवं समृद्ध जीवन के स्वप्न को साकार करना था।
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