( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

Impact Factor* - 6.2311


**Need Help in Content editing, Data Analysis.

Research Gateway

Adv For Editing Content

   No of Download : 212    Submit Your Rating     Cite This   Download        Certificate

कार्यस्थल पर महिलाओं की स्थिति एवं विकास योजनाएँ

    1 Author(s):  SMT. SUDESH

Vol -  8, Issue- 8 ,         Page(s) : 42 - 46  (2017 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

हमारे देश की आधी जनसंख्या का प्रतिनिधित्व महिलाएँ करती हैं। इसका मतलब है कि देश की उन्नति का आधा दारोमदार महिलाओं पर और आधा पुरुषों के कन्धे पर निर्भर करता है। हम उस समय का अन्दाजा भी नहीं लगा सकते जब इसी आधी जनसंख्या को उनके वो मूलभूत अधिकार भी नहीं मिल पाते थे, जिनकी वे हकदार भी हैं। उन्हें खुशी से अपनी जिन्दगी जीने की आजादी नहीं थी, परन्तु बदलते वक्त के साथ इस नए जमाने की नारी ने समाज में वो सारे स्थान हासिल कर लिए है जिसे देखकर कोई भी आश्चर्यचकित रह जायेगा क्योंकि आज महिलाएँ एक सफल समाज सुधारक, उद्यमी, प्रशासनिक सेवक, राजनितिज्ञ आदि बन चुकी हैं। महिलाओं की स्थिति में सुधार ने देश के आर्थिक और सामाजिक सुधार के मायनों को भी बदल कर रख दिया। अन्य विकासशील देशों की तुलना में हमारे देश में महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। यद्यपि हम यह तो नहीं कह सकते कि महिलाओं के हालात पूरी तरह बदल गए हैं, परन्तु पहले की तुलना में इस क्षेत्र में बहुत तरक्की हुई है।

  1. सचदेव, डी.आर., भारत में समाज कल्याण प्रशासन, किताब महल, इलाहाबाद, 1999
  2. व्यास, गिरिजा, पचांयती राज और महिलाओं की भूमिका, जगदीश पीयुष (सं.), पचांयती राजः संकल्प और सम्भावना, राजीव गांधी कालेज, सुलतानपुर, 1994 
  3. बह्म, जीवन-धारा, युग निर्माण प्रकाशन, मथुरा, 2003
  4. छिल्लर, मजंुलता, भारतीय नारी शोषण के बदलते आयाम, अर्जुन पब्लिशिंग हाऊस, 2010
  5. तिवारी, आर.पी. एवं शुक्ला, डी.पी., भारतीय नारी वर्तमान समस्याएं और भावी समाधान, ए.पी.एच. पब्लिशिंग, नई दिल्ली, 2002

*Contents are provided by Authors of articles. Please contact us if you having any query.






Bank Details