( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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उत्तराखण्ड की जनजातियाँ एक अध्ययन

    2 Author(s):  DR. HARIOM PRAKASH SINGH, SURENDER SINGH RANA

Vol -  8, Issue- 10 ,         Page(s) : 40 - 45  (2017 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

उत्तराखण्ड का जन्म 09 नवम्बर सन् 2000 को भारत के सत्ताइसवें राज्य के रूप में उत्तरांचल नाम से हुआ। इससे पहले यह उत्तर प्रदेश का ही भाग था तथा कुमाऊँ और गढ़वाल मण्डल में विभाजित है। उत्तराखण्ड में वर्तमान में 13 जिले हैं जिनमें 7 गढ़वाल में-देहरादून, उत्तरकाशी, पौढ़ी, टिहरी (अब नई टिहरी), चमोली, रूद्रप्रयाग, हरिद्वार और कुमाऊँ में-अल्मोड़ा, नैनीताल, पिथौरागढ़, चम्पावत, बागेश्वर और ऊधमसिंह नगर हैं। यह उत्तर में चीन, हिमाचल प्रदेश, पूर्व में नेपाल, दक्षिण में उत्तर प्रदेश और पश्चिम में हरियाणा व हिमाचल प्रदेश से घिरा हुआ है। इसकी लम्बाई पूर्व से पश्चिम की ओर 358 किमी ओर चैड़ाई उत्तर से दक्षिण की ओर 320 किमी है। यहाँ 70 विधानसभा सीट, 03 राज्यसभा सीट और 05 लोकसभा सीट हैं। उत्तराखण्ड का क्षेत्रफल 53483 वर्ग किमी है। उत्तराखण्ड का उच्चतम न्यायालय नैनीताल में है। सन् 2000 से 2006 तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता है। जनवरी 2007 में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। इस आयताकार आकृति के राज्य की अस्थायी राजधानी देहरादून है तथा देहरादून राज्य का सबसे बड़ा नगर है।

  1. जय सिंह रावत, उत्तराखण्डः जनजातियों का इतिहास, विन्सर पब्लिशिंग कं0 देहरादून।
  2. डाॅ0 विद्या सिंह चैहान, डाॅ0 श्रीमती राय, भारत की जनजातियाँ (उत्तराखण्ड के विशेष सन्दर्भ में) ट्रान्समीडिया प्रकाशन श्रीनगर (गढ़वाल), उत्तराखण्ड 2009
  3. डाॅ0 हरिश्चन्द्र उप्रेती, भारतीय जनजातियाँ: संरचना एवं विकास।
  4. देवेन्द्र उपाध्याय, उत्तरांचल के आदिवासी प्रकाशन विभाग सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार।

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