International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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स्वर-विमर्श
2 Author(s): KULDEEP , DR .SATYAPAL SINGH
Vol - 8, Issue- 5 , Page(s) : 255 - 265 (2017 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
मनुष्य वेफ समस्त वाग्व्यवहार का साध्न भाषा है। वर्ण, शब्द और वाक्य भाषा वेफ संघटक तत्व हैं। वर्णों वेफ संयोग से शब्द तथा पदों वेफ संयोग से वाक्य का गठन होता है। इसलिए भाषा की सार्थक इकाई वेफ रूप में वाक्य तथा वाक्य वेफ सार्थक खण्ड वेफ रूप में शब्द का विभाजन किया जाता है। शब्दः प्रकृतिः सर्ववर्णानाम्, सर्ववर्णानां शब्दः=ध्वनि मूलकारणं भवति।1 दण्डी ने भी शब्दरूप वाव्फ की प्रशंसा करते हुये कहा है इदमन्ध्ं तमः कृत्स्नं जायेत भुवनत्रायम्।