( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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कठोपनिषद् का समीक्षात्मक विवेचन

    1 Author(s):  SUNIL KUMAR PANDEY

Vol -  8, Issue- 12 ,         Page(s) : 141 - 144  (2017 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

कृष्ण यजुर्वेद शाखा का यह उपनिषद्-अत्यन्त महत्वपूर्ण उपनिषद्ो में है। इस उपनिषद् के रचयिता कठ नाम के तपस्वी आचार्य थे। वे मुनि वैश्म्पायन के शिष्य तथ यजुर्वेद की कठशाखा के प्रवर्तक थे। इसमें दो अध्याय है। और प्रत्येक अध्याय में तीन-तीन वल्लियां है। जिनमें वाजश्रवा-पुत्र नचिकेता और यम के बीच संवाद है। भर्तु प्रपंच ने कठ और बृहदारण्यक उपनिषद्ों पर भी भाष्य की रचना की थी।

1. वेद - गीता प्रेस गोरखपुर
2. कठोपनिषद् - गीता प्रेस गोरखपुर
3. उपनिषद् संग्रहलाय - वेद व्यास 

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