International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
**Need Help in Content editing, Data Analysis.
Adv For Editing Content
नाटक केअन्य तत्वों के साथ संवाद का संबंध।
1 Author(s): SUJAY KUMAR
Vol - 8, Issue- 12 , Page(s) : 263 - 265 (2017 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
संवाद नाटक में नाट्य शरीर हैए1जो नाटक के अन्य सभी तत्वोंको ऊर्जा प्रदान करता है। यह कथा को विकासएपात्र को वाणीए वातावरण को झंकार भाषा को अलंकार और उद्देश्य को मध्यम प्रदान करता है यह अन्य सभी तत्त्वोंमेंअंततःनिहित होता है।दृश्य भाव मंच क्रिया सभी संवाद गर्भित होते हैं और जहां कुछ नहीं होता स्थिरएस्तब्धएशांत होता है वहांभाषेतरअभी. व्यक्तियों के माध्यम से संवाद अपनी उपस्थिति बनाए रखता है।संवाद नाटक के मंच के प्रत्येक कोने से शुरू होकर सहृदय के रोमरोम तक पहुंचता है।यह नाटक की जीवन रेखा है तथा अन्य तत्वों का आधार सूत्र भी