( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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विवेकी राय का उपन्यास संसार

    2 Author(s):  VIBHA REEN, DR.SUNIL KUMAR

Vol -  10, Issue- 1 ,         Page(s) : 85 - 103  (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

जीवन का यथार्थ साहित्य में निहित होता है। जीवन से सम्बन्धित प्रत्येक पक्ष को अनुभवों सहित अंकित करने की कला ही साहित्य है। उपन्यास विधा का अपना ही जीवंत एवं सशक्त प्रभाव है। उपन्यास में सम्पूर्ण जीवन का यथार्थ प्रस्तुत करने की अपूर्व क्षमता निहित होती है। वस्तुतः वर्तमान जीवन में विचारों और भावों का गद्यानुवाद ही उपन्यास है, जो मानव जीवन का साक्षात् प्रतिबिम्ब है।

  1. विवेकी राय, बबूल, वाराणसी: अनुराग प्रकाशन, 2001, पृ. 20
  2. वही, पृ. 65
  3. वही, पृ. 127
  4. वही, पृ. 87-88
  5. विवेकी राय, पुरुष-पुराण, दिल्ली: भारतीय ज्ञानपीठ, 1975, पृ. 46.
  6. वही, पृ. 30
  7. वही, पृ. 54
  8. वही, पृ. 55
  9. विवेकी राय, श्वेत-पत्र, दिल्ली: ज्ञानगंगा प्रकाशन, 2015, पृ. भूमिका
  10. वही, पृ. 90
  11. वही, पृ. 198
  12. वही, पृ. 138
  13. विवेकी राय, सोना माटी, दिल्ली: प्रभात प्रकाशन, 2010, पृ. 10
  14. वही, पृ. 261
  15. वही, पृ. 101
  16. विवेकी राय, नमामि ग्रामम्, दिल्ली: विद्या विहार, 2011, पृ. 37.
  17. वही, पृ. 77
  18. वही, पृ. 19
  19. वही, पृ. 45
  20. वही, पृ. 44
  21. विवेकी राय, मंगल भवन, दिल्ली: प्रभात प्रकाशन, 2009, पृ. 156
  22. वही, पृ. 113
  23. वही, पृ. 23
  24. वही, पृ. 95
  25. वही, पृ. 227
  26. विवेकी राय, अमंगलहारी, दिल्ली: ज्ञानगंगा प्रकाशन, 2010, भूमिका
  27. वही, पृ. 138.
  28. वही, पृ. 13
  29. वही, पृ. 138-139
  30. वही, पृ. 20
  31. वही, पृ. 87
  32. विवेकी राय, लोकऋण, दिल्ली: विश्वविद्यालय प्रकाशन, 2001, पृ. 17.
  33. वही, पृ. 26
  34. वही, पृ. 66-67.
  35. वही, पृ. 83
  36. वही, पृ. 30
  37. वही, पृ. 193
  38. विवेकी राय, समर शेष है, दिल्ली: प्रभात प्रकाशन, 2011, पृ. 377.
  39. वही, पृ. 139
  40. वही, पृ. 27
  41. वही, पृ. 23-24
  42. वही, पृ. 13
  43. विवेकी राय, देहरी के पार, दिल्ली: ग्रन्थ अकादमी प्रकाशन, 2011, पृ. 112.
  44. वही, पृ. 134
  45. वही, पृ. 77
  46. वही, पृ. 132
  47. वही, पृ. 168

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