( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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माध्यमिक स्तर पर विज्ञान की पुस्तक में नीहित मानवीय मूल्यों का विश्लेषाणत्मक अध्ययन

    1 Author(s):  DR. SUBHASH CHANDRA SAINI

Vol -  9, Issue- 1 ,         Page(s) : 354 - 356  (2018 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

मानव की चेतन अवस्था का नाम ही जीवन है इस जीवन को कितनी अवधि तक जीया जाये यह उतना महत्त्वपूर्ण नही होता, जितना यह महत्त्वपूर्ण होता है कि जीवन किस प्रकार जीया जाये। जीवन विकृति, प्रकृति और संस्कृति तीन प्रकार से जीया जाता है। भारत चिन्तन-प्रक्रिया ने मानव व मूल्यों को एक-दूसरे का पर्याय माना है। ये मूल्य ही वे मणियाँ हैं जिनको धार करके मनुष्य एक सफल, सार्थक एवं आनन्दमय जीवन व्यतीत कर सकता है। इन मूल्यों को ही अपनाकर तथा इनकी राह चलकर मनुष्य सही अर्थो में मनुष्य कहलाने का अधिकारी होता है।

1. बेस्ट जाॅन डब्ल्यू (1995) : ‘‘रिसर्च इन एजुकेशन‘‘, यू.ए.प्रेक्टिस हाॅल।
2. भारती धर्मवीर : ‘मानव मूल्य और साहित्य‘ विनोद पुस्तक मंदिर,           आगरा, पृ.सं. 17
3. मैकएशन (1963) : ‘‘एलिमेन्ट्स आफ एजुकेशनल रिसर्च‘‘
4. मिश्र, रमेशचन्द्र (2004) : ‘‘इक्कीसवीं सदी की शिक्षा में सर्वधर्म जीवन          मूल्यों का समावेश एवं पुनः स्थापना, विष्यक          राष्ट्रीय सेमीनार, 15-16, भरतपुर
5. रायजादा, रमाकान्त :      ‘‘विज्ञान शिक्षण-इक्कीसवीं सदी के सन्दर्भ में‘‘,         पृ. सं. 121
6. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड :       विज्ञान (कक्षा 9) राजस्थान अजमेर
7. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड :       विज्ञान (कक्षा 10) राजस्थान अजमेर
8. राय, डाॅ, पारथनाथ (2002) :‘‘अनुसंधान परिचय‘‘ आगरा, लक्ष्मी नारायण              अग्रवाल।

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