( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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समकालीन हिंदी .मलायलम के लेखिकाओं की रचनाओं में पर्यावरण

    1 Author(s):  DR.RANJITH MADHAVAN

Vol -  10, Issue- 1 ,         Page(s) : 138 - 141  (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

पर्यावरण 'शब्द 'परि' उपसर्ग के साथ आवरण शब्द के संयोग से बना है परि का अर्थ है चारों और इर्द. वातावरण किसी व्यक्ति अथवा विषय की परिस्थिति अर्थात हमारे चारों और के आवरण वातावरण एवं जड़ .चेतन घटकों के सम्मिलित रूप का नाम ही पर्यावरण है सजीव घटक में मनुष्य जीव ज्न्तु एव्म समस्त प्राणि जगत आता है जड़ घटकों में क्षिति जल पावक हवा आदि शामिल है


  1. एंटे प्रिय कथकल -पि वल्सला, करंट बुक्स 
  2. ओरु यात्र अयप्पू -वि. के दीपा 
  3. नेल्लूर के प्लस्टिक आदमी- जयश्री 
  4. जमुनाजी तक-क्षमाशार्मा  

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