International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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मराठों के उदय में महाराष्ट्र की भौगोलिक परिस्थितियों का योगदान
1 Author(s): SUKENDER KUMAR
Vol - 8, Issue- 11 , Page(s) : 233 - 235 (2017 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
मराठा क्षेत्र में समुद्रतट व पश्चिमी घाट के क्षेत्र को छोड़कर शेष भाग जंगलों व पहाड़ों से भरा है । यहां कृषि कार्य की कठिनता व अल्पवृष्टि क्षेत्र के कारण मराठे आजीविका के लिए शान्तिपूर्ण उपायों पर निर्भर नहीं रह सकते थे । भौगोलिक स्थिति इस क्षेत्र को अन्य क्षेत्रों से अलग-थलग करती थी तथा अलग-थलग होने की स्थिति ने उनके बीच एकता को मजबूत किया । भूगोल ने भाषायी एकता को बल दिया एवं लूटमार के अभियानों ने सैनिक प्रतिभा व छापामार युद्ध नीति को सक्षम बनाया । भौगोलिक परिस्थितियों से उत्पन्न इस सकारात्मक शक्ति को शिवाजी का कुशल नेतृत्व मिलने से मराठा साम्राज्य के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया ।
1 इग्नू नोट्स । 2 दक्षिण भारत का इतिहास: नीलकण्ठ शास्त्री3 आधुनिक भारत: सुमित सरकार । 4 कैरियर प्वाइंट नोटस् 5 महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक: इतिहास नोटस् । 6 इन्टरनेट ।