( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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जातिवाद व भारतीय राजनीति पर इसका प्रभाव

    1 Author(s):  SUDESH YADAV

Vol -  9, Issue- 12 ,         Page(s) : 126 - 131  (2018 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

भारत एक विषाल देष है जहाँ अनेक धर्मो, जातियों के लोग रहते है। अत्यन्त प्राचीनकाल में हमारे देष में गुण व कर्म के अनुसार वर्ण व्यवस्था का निर्धारण किया गया था और इस सामाजिक कल्याण के लिए अत्यन्त उपयोगी और आवष्यक समझा गया था। इस वर्ण व्यवस्था का आधार कर्म था। व्यक्ति का वर्ण उसके कार्यो से निर्धारित होता था। लेकिन धीरे-धीरे यह व्यवस्था विकृत होती चली गई और मध्यकाल में वर्ण व्यवस्था का आधार कर्म न रहकर जन्म बन गया। जन्म पर आधारित वर्ण व्यवस्था ने ही जातिवाद को जन्म दिया अर्थात समय के प्रवाह के साथ वर्ण व्यवस्था का रूप परिवर्तित हो गया और उसने जाति व्यवस्था अथवा जाति-प्रथा का रूप धारण कर लिया। वर्तमान में व्यक्ति की जाति जन्म से निर्धारित होती है न कि कर्म से।

1. भारतीय राजनीति- डाॅ0 गुलषन राय, सोमनाथ, डाॅ0 सुरेष कुमार वर्मा
2. भारतीय राजनीतिक व्यवस्था- बी.वी. तायल
3. भारतीय संविधान एवं भारतीय राजनीति क्तण् ैण्ैण् छंदकं टण्ज्ञण् च्नतप
4. प्रतियोगिता दर्पण (सितम्बर 2017) - जाति प्रथा का प्रजातंत्रीकरण (लेख) पेज 181
5. भारतीय राजनीति - समस्याएं और समाधानः- डाॅ0 महेन्द्र कुमार मिश्रा
6. भारतीय षासन और राजनीति- राधू पंवार, आरजू मिश्रा

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