International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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पाणिनीय व्याकरण में प्रत्यय
1 Author(s): DR. MADHU MALA SINHA
Vol - 10, Issue- 6 , Page(s) : 49 - 51 (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
’’भाष्यते भावो यया सा भाषा’’ भाषा वह साधन है, जिसके द्वारा अपने विचार दूसरों पर भली-भाँति प्रकट किए जाते है अर्थात् मानव के भावों एवम् विचारों की अभिव्यक्ति के माध्यम को भाषा कहते है, मानव विचारों की अभिव्यक्ति के लिए वाक्य का प्रयोग करता है। अतः भाषा की लघुतम इकाई वाक्य ही है। वाक्य पदों का समूह होता है, और पद वर्णों का समूह। इस प्रकार भाषा विश्लेषण के तीन सोपान होते है- वाक्य, पद और वर्ण। इनमें से व्याकरण मुख्यतः पदों का विश्लेषण करता है, क्योंकि पदों का विश्लेषण सरल ही नहीं अपितु अत्यन्त उपयोगी भी है।