( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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मनरेगा व पंचायत राज व्यवस्था में सम्बन्ध

    2 Author(s):  SUNITA YADAV , DR. BRAHAMPARKASH

Vol -  10, Issue- 7 ,         Page(s) : 129 - 133  (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

संसद में एक अधिनियम के अन्तर्गत 2005 में नरेगा की स्थापना की गई और 2008 को यह भारत के सभी राज्यों में लागू कर दी गई। दिनांक 02 अक्टूबर, 2009 को इसका नाम मनरेगा हो गया। सरकार के द्वारा यह ऐसा पहला कानून बनाया जो व्यापक पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराने का उद्देश्य रखा गया। 70 फीसदी आबादी गाँवों में निवास करती है। उनके पलायन को रोकने के लिए गांवों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने होंगे इसके लिए मनरेगा के विकास को बढाने के लिए पंचायत राज व्यवस्था को साथ लेना होगा।

1. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी आधारभूत जानकारियाँ।
(प्रकाशन वर्ष 2009)ः- संकलन श्रीमती विमलेश राठौर, (असीस्टेंट प्रोफेसर)
2. महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना- ग्राम पंचायत के लिए मार्गदर्शिका। हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान, नीलोखेडी।
3. विभिन्न विकास योजनाएँ- एक मार्गदर्शिका (हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान, नीलोखेड़ी-132117)
4. प्रधानमंत्री रोजगार योजना (मार्गदर्शिका), जिला उद्योग केन्द्र-सिरसा।
5. सूरत सिंह, हरियाणा में पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान, नीलोखेड़ी-2005

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