International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
**Need Help in Content editing, Data Analysis.
Adv For Editing Content
सूफी संत अमीर खुसरो का राष्ट्रीय चिन्तन
1 Author(s): DR. JANG BAHADUR CHATURVEDI
Vol - 9, Issue- 6 , Page(s) : 124 - 129 (2018 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
अमीर ख़ुसरो के बचपन का नाम अबुल हसन् यमीनुद्दीन मुहम्मद था। यह नाम इनके पिता ने इन्हें दिया था, जो बहुत ही निडर थे। अमीर ख़ुसरो को बचपन से ही फारसी में शायरी करने का शौक था। अमीर ख़ुसरो ने धार्मिक संकीर्णता और राजनीतिक छल कपट के उथल-पुथल से भरे माहौल में रहकर हिंदू-मुस्लिम एवं राष्ट्रीय एकता, प्रेम, मानवतावाद और सांस्कृतिक समन्वय के लिए पूरी ईमानदारी और निष्ठा से काम किया। हज़रत अमीर ख़ुसरो ने तेरहवीं-चैदहवीं सदी में आज की खड़ी बोली हिन्दी का ‘हिन्दवी’ के रूप में सूत्रपात किया। इस भाषा का नामकरण भी स्वयं अमीर ख़ुसरो ने किया।