( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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मुक्तिबोध के काव्य में मानवीय संवेदना

    1 Author(s):  DR. SUBASH DALSINGH JADAV

Vol -  10, Issue- 4 ,         Page(s) : 550 - 555  (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

मुक्तिबोध वेदना से प्रेरित अ©र परिचित कवि है सामान्य जन के प्रति मन में आस्था भी है। उनका उद्देश्य वर्तमान समय की जनता क¨ श¨षण मुक्त करना था। वेदना के जितने भी चित्रण मिलते हैं, उसका चित्रण उन्हने अपने काव्य में किया है। कभी समाज में धार्मिक राजनीति पूंजीवादी धन के रूप में श¨षण ह¨ता है। इसका अंकन अपने काव्य में मुक्तिब¨ध ने किया है। श¨षण का भयावह अ©र घिन©ना रूप अपने काव्य के माध्यम से उजागर करने की क¨षिष की है। इनके काव्य का प्रमुख उद्देश्य मध्यवर्ग की समस्याओं क लेकर चिंतित रहा है।

1 गजानन माधव मुक्तिबोध की संपादित कविता
2 गजानन माधव मुक्तिबोध, चाॅद का मुह टेढा, ज्ञानपीठ प्रकाषन, नई दिल्ली
3 नेमीचंद जैन, मुक्तिबोध रचनावली, भाग 1 राजकमल प्रकाषन
4 मुक्तिबोध के काव्य में जन चेतना, डाॅ माधव सोनटके के मौखिक रूप से
5 मुक्तिबोध काव्य की भाषा और षिल्प, अनहद क्रति मार्च 201

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