( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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बीकानेर राज्य में ग्राम पंचायतों की स्थापना

    1 Author(s):  SHEETAL ARORA

Vol -  10, Issue- 2 ,         Page(s) : 140 - 144  (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

प्राचीन काल से ही ग्राम पंचायतें हमारे देश के राष्ट्रीय जीवन की अभिन्न अंग रही हैं। स्थानीय स्वायत्त शासन और ग्रामीण समुदायों की ऐसी ही संस्थाएं यूरोप और एशिया के विभिन्न देशों में भी पायी जाती हैं। यूनान के नगर-राज्य प्रत्यक्ष रूप से स्वशासित होते थे। यूनानियों के लिए पूरा नगर ही ‘‘मिला-जुला जीवन’’ था। राजनीति के प्रसिद्ध अंग्रेज विद्वान ‘लार्ड ब्राइस’ ने अपनी पुस्तक ‘डेमोक्रटिक प्रोसेस’ में कहा है कि- ‘‘यूनान के ये नगर-राज्य संसद भी थे, शासन भी थे और उसी के साथ-साथ वे कार्यपालिका, विधानसभा एवं न्यायालय, सब मिले-जुले थे।’’ ऐसी ही विकेन्द्रित ग्रामीण संस्थाएं प्राचीन काल से चीन और जापान में भी पायी जाती हैं।

1. कांग्रेस ग्राम पंचायत कमेटी की रिपोर्ट, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, नई दिल्ली, पृृ.9
2. रमेश चन्द्र दत्त; इकाॅनोमिक हिस्ट्री आॅफ इण्डिया
3. ऋग्वेद, 10,62,11; 10,75 अथर्ववेद 7,12,1; 12,1,56। कौटिल्य अर्थशास्त्र -3, अध्याय 10,12। प्रोफेसर अनंत सदाशिव अल्टेकर; प्राचीन भारतीय शासन पद्धति; पृ. 195-212, 1959, प्रयाग। दशरथ शर्मा; राजस्थान थ्रू दी एजेज भाग-1, पृ. 349-52, 1966, बीकानेर
4. फाइल नं. 10/1920; कांग्रेस ग्राम पंचायत कमेटी की रिपोर्ट, पृ. 9
5. फाइल नं. 10/1920; द टाइम्स आॅफ इण्डिया, 30 दिसम्बर, 1917
6. विद्यासागर शर्मा, पंचायती राज (हिन्दी प्रकाशन, इलाहाबाद, 1956)
7. कांग्रेस ग्राम पंचायत कमेटी की रिपोर्ट; पृ.10
8. कांग्रेस ग्राम पंचायत कमेटी की रिपोर्ट; पृ.11
9. ओसियां अभिलेख, विक्रमसंवत् 1245 । वृहद् गुर्वावलि, पृ. 55-57 । नाडलाई इन्सक्रिप्शन्स, विक्रमसंवत् 1686। जैन इन्सक्रिप्शन्स, भाग-1, नं. 807, पृ. 198
10. रामपुरिया रिकार्ड्स। बीकानेर की ‘कागदों की बही’ नं. 1 से 20 (1754 से 1818 ई. सन् तक की)
11. दशरथ शर्मा; अर्ली चैहान डायनेस्टीज, पृ.सं. 204, पाद टिप्पणी, क्रम संख्या 82, 1950 ई.। गोपीनाथ शर्मा; ऐतिहासिक निबन्ध राजस्थान, पृ. सं. 112-117, 1970 ई., जोधपुर
12. जी.एस.एल. देवड़ा; राजस्थान की प्रशासनिक व्यवस्था (1574-1818 ई.), पृ.सं. 3
13. दयालदास की ख्यात; भाग-2, पृ. सं. 7-10
14. दशरथ शर्मा; राजस्थान थ्रू दी एजेज, भाग-1, पृ. सं. 350-52
15. हटुण्डी का शिलालेख; विक्रम संवत् 1335, जैन इन्सक्रिप्शसन्स, भाग-1, नं. 894। सांभर का लेख, विक्रम संवत् 1345, जैन इन्सक्रिप्शसन्स, भाग-1, नं. 897
16. सनद परवाना बही (मारवाड़), विक्रम संवत् 1822, नं. 3, पृ. 30 । कागदों की बही (बीकानेर), विक्रम संवत्, 1854, नं. 10, पृ. 113
17. सनद परवाना बही (मारवाड़), विक्रम संवत् 1823, नं. 5, पृ. 142। कागदों की बही (बीकानेर), विक्रम संवत्, 1857, नं. 9, पृ. 55
18. सनद परवाना बही (मारवाड़), विक्रम संवत् 1822 नं. 12, पृ. 29। कागदों की बही (बीकानेर), विक्रम संवत् 1839, नं. 6, पृ. 37।
19. सनद परवाना बही (मारवाड़), विक्रम संवत् 1823, नं. 5, पृ. 119, 127, 142। कागदों की बही (बीकानेर), विक्रम संवत् 1854, नं. 10, पृ. 116, 140
20. एडमिनिस्ट्रेटिव रिपोर्ट आॅफ बीकानेर स्टेट; 1927-28, पृ. सं. 4
21. बीकानेर ग्राम पंचायत एक्ट; 1928 ई., पृ. सं. 1
22. बीकानेर ग्राम पंचायत एक्ट, 1928 ई., धारा-6, पृ. सं. 2
23. बीकानेर ग्राम पंचायत एक्ट, 1928 ई., धारा-8, पृ. सं. 2

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