International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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मनुस्मृति’ का महाभारत और रामायण पर प्रभाव: एक समीक्षा
1 Author(s): KRRISHNA KANT DUBEY
Vol - 9, Issue- 6 , Page(s) : 153 - 163 (2018 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
भारतीय महापुरुषों में मनु का एक विशेष स्थान है। इतिहासवेत्ता चाहे ऐतिहासिक तिथिक्रम के परे की वस्तु कहें, किन्तु आज भी इस देश की सामाजिक व्यवस्था की तह में मनु द्वारा निर्धारित प्रशस्त नियम ही कार्यरत हैं। आर्य महाप्रजाओं के युगान्तव्यापी जीवन की स्थिर आधार-शिला का न्यास करने वाले जो अनेक महापुरुष हैं, उसमें मनु का नाम अप्रतिम तेज से प्रकाशित है। मनु प्रथम प्रजापति कहे जाते हैं। प्रजाओं के संवर्धन के निमित्त जिन प्रशस्त नियमों तथा उदार जीवन-क्रम की आवश्यकता होती है, मनु का नाम आर्य संस्कृति में उन सबके लिये एक सुन्दर प्रतीक ही बन गया है। हमारे सहस्रमुखी जीवनक्रम को नियन्त्रित करने में जो श्रेय मनु को प्राप्त है, वह किसी और को नहीं। मनु कुछ स्पष्ट तथा निश्चित आदर्शों के प्रतिनिधि हैं। यदि हम उन आदर्शों के राजमार्ग पर अग्रसर होना चाहते हैं, तो यह आवश्यक है कि हम धर्म के मनु-प्रतिपादित स्वरूप को सम्यव्â रूप से परीक्षा करके समझ लें।