( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

Impact Factor* - 6.2311


**Need Help in Content editing, Data Analysis.

Research Gateway

Adv For Editing Content

   No of Download : 103    Submit Your Rating     Cite This   Download        Certificate

संत कबीरदास की पदावलियों में धार्मिक चेतना

    1 Author(s):  DR. BIJENDER KUMAR

Vol -  10, Issue- 4 ,         Page(s) : 615 - 624  (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

हिंदी साहित्य के इतिहास का मध्यकाल एक ऐसा काल है जिसने मानव जीवन को एक विशेष दर्शन दिया। इस दृष्टि से इस काल का निर्गुण साहित्य अपने आप में श्रेष्ठ है। हालांकि इससे पहले भी प्राचीन काल से ही भारतवर्ष में वेद-पुराण आदि की पकड़ मानव जीवन में गहरे रही है। अगर यूं कहें कि भारतवर्ष के प्रत्येक मानव के आध्यात्मिक एवं लौकिक कर्म उनसे संचालित रहे हैं, तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। क्योंकि वेद-पुराण अपने आप में मानव जीवन का महान दर्शन रहे हैं। लेकिन मुगलों के राज्य स्थापित हो जाने के उपरांत समाज में धर्म का एक ऐसा टकराव पैदा हो गया जिसमें हिंदू सनातन धर्म को तथा मुस्लिम इस्लाम धर्म को मानने के कारण, एक दूसरे के धर्म को अपनाने के लिए तैयार नहीं हुए। जिस कारण धर्म की श्रेष्ठता सिद्ध करना सभी मौलवियों एवं पंडितों के लिए चुनौती बन गया। ऐसे में धर्म को लेकर युद्ध छिड़ गया जिसमें मानव पराजित होने लगा। मानव का धर्म मानवता न होकर धर्म विशेष हो गया। वे एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए। अपने धर्म की वृद्धि के लिए सभी धर्मगुरु प्रखंडों में फंसते चले गए। ऐसे में चौदहवीं शताब्दी में एक महापुरुष ने जन्म लिया, जो संत कबीर के नाम से प्रसिद्ध हुए।

1. शर्मा, द्वारिका प्रसाद सं. (1977), संस्कृत शब्दार्थ कौस्तुभ, रामनारायण-बेनीप्रसाद प्रकाशन, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश, पृष्ठ - 549 ।
2. प्रसाद, कालिका सं. (1977), बृहत हिंदी कोश, ज्ञानमंडल लिमिटेड, वाराणसी, उत्तर प्रदेश, पृष्ठ - 552 ।
3. महाभारत (1949), कर्ण पर्व, 69/58, गीता प्रैस, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश ।
4. पानेरी, हेमंत कुमार (1974), स्वातंत्र्योत्तर हिंदी उपन्यास: मूल्य संक्रमण, संघीय प्रकाशन, जयपुर, राजस्थान, पृष्ठ - 267 ।
5. दास, श्यामसुंदर सं. (1958), हिंदी शब्द सागर, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, उत्तर प्रदेश, पृष्ठ - 1576 ।
6. प्रेमपाल (1980), नई कहानी में वैयक्तिक चेतना, स्कार्ट्स फाउंडर्स वेलफेयर,  कोलकाता, पश्चिम बंगाल, पृष्ठ - 2 ।
7. कुमार, सुरेंद्र (1970), हिंदी उपन्यास: राजनीतिक चेतना, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, उत्तर प्रदेश, पृष्ठ - 07 ।
8. दास, श्यामसुंदर सं. (1977 14वाँ संस्करण), कबीर ग्रंथावली (पदावली), नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, उत्तर प्रदेश, पृष्ठ - 83 ।
9. दास, श्यामसुंदर सं. (1977 14वाँ संस्करण), कबीर ग्रंथावली (पदावली), नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, उत्तर प्रदेश,  पृष्ठ  - 78-79 ।
10. दास, श्यामसुंदर सं. (1977 14वाँ संस्करण), कबीर ग्रंथावली (पदावली), नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, उत्तर प्रदेश, पृष्ठ - 75 ।
11. दास, श्यामसुंदर सं. (1977 14वाँ संस्करण), कबीर ग्रंथावली (पदावली), नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, उत्तर प्रदेश, पृष्ठ - 100 ।
12. दास, श्यामसुंदर सं. (1977 14वाँ संस्करण), कबीर ग्रंथावली (पदावली), नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, उत्तर प्रदेश, पृष्ठ - 84 ।
13. दास, श्यामसुंदर सं. (1977 14वाँ संस्करण), कबीर ग्रंथावली (पदावली), नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, उत्तर प्रदेश, पृष्ठ - 73 ।
14. दास, श्यामसुंदर सं. (1977 14वाँ संस्करण), कबीर ग्रंथावली (पदावली), नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, उत्तर प्रदेश, पृष्ठ -82 ।
15. दास, श्यामसुंदर सं. (1977 14वाँ संस्करण), कबीर ग्रंथावली (पदावली), नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, उत्तर प्रदेश, पृष्ठ - 81 ।
16. दास, श्यामसुंदर सं. (1977 14वाँ संस्करण), कबीर ग्रंथावली (पदावली), नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, उत्तर प्रदेश, पृष्ठ - 74 ।
17. दास, श्यामसुंदर सं. (1977 14वाँ संस्करण), कबीर ग्रंथावली (पदावली), नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, उत्तर प्रदेश, पृष्ठ - 69 ।

*Contents are provided by Authors of articles. Please contact us if you having any query.






Bank Details