‘अलविदा’ लंबी कविताएँ, कवि विजयदेव नारायण साही, उद्धृत सं. डॉ. नरेंद्र मोहन,
पृष्ठ संख्या 182
‘एक साहित्यिक की डायरी’, ले. गजानन माधव मुक्तिबोध, उद्धृत ‘हिंदी की लंबी कविताओं का आलोचना-पक्ष’, ले. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, पृष्ठ संख्या 8
‘चाँद का मुह टेढा है’, कवि गजानन माधव मुक्तिबोध, पृष्ठ संख्या 299
‘रेगिस्तान का सफर’, डॉ. हरिवंश राय ‘बच्चन’, पृष्ठ संख्या 78
‘विश्वभारती’ (त्रैमासिक) : जुलाई-सितंबर 1968, सं श्री सुधिरंजन दास एवं अन्य पृष्ठ संख्या 189
‘अनामिका’, कवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, पृष्ठ संख्या 118
‘बुद्ध और नाचघर’, कवि हरिवंशराय ‘बच्चन’, पृष्ठ संख्या 172
‘प्रतिनिधि कविताएँ’, कवि शमशेर बहादुर सिंह, पृष्ठ संख्या 120-123