( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

Impact Factor* - 6.2311


**Need Help in Content editing, Data Analysis.

Research Gateway

Adv For Editing Content

   No of Download : 194    Submit Your Rating     Cite This   Download        Certificate

ग़ज़ल गंज : एक अवलोकन

    1 Author(s):  PROF. MS. SANJYOTI MAHADEO SANAP

Vol -  2, Issue- 2 ,         Page(s) : 208 - 213  (2011 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

नए-लघु मानव की स्वाधीन ‘स्व’ की आधुनिक सोच और चेतना को शब्द रूप देनेवाले मनस्वी कवि मनोज सोनकर का नाम अपनी विशिष्ट रचनाधर्मिता के कारण स्वातंत्र्योत्तर भारतीय हिंदी साहित्य में; विशेषतः साठोत्तर समय के नवगीत—ग़ज़ल के रचना-विधान में उल्लेखनीय हैं । लगभग ३४ साहित्य ग्रंथों के इस प्रतिभा संपन्न रचनाकार का जन्म १५ जुलाई १९४० में आज़मगढ़ उत्तरप्रदेश में हुआ । मुंबई विश्वविद्यालय में इन्होंने एम. ए. तथ पीएच.डी. तक शिक्षा प्राप्त की । मुंबई में ही एस. आई. ई. एस. कॉलेज में हिंदी के प्राध्यापक के रूप में अध्यापन कार्य किया । संप्रति वे मुंबई में ही रहकर लेखनकार्य में लीन है ।

*Contents are provided by Authors of articles. Please contact us if you having any query.






Bank Details