International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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धर्म एवं धर्मान्तरण सम्बंधी गांधी-अम्बेडकर के विचार : एक विश्लेषण
2 Author(s): DR. P.M. BAIRWA , M.P. BANYALA
Vol - 11, Issue- 6 , Page(s) : 147 - 156 (2020 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
महात्मा गांधी एवं डॉ. अम्बेडकर दोनों ही सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन में धर्म के महत्व को स्वीकार करते थे। दोनों की मान्यता थी कि धर्म में उदार नैतिक मूल्यों और न्याय, बंधुता तथा स्वतंत्रता के आदर्शों का समावेश होना चाहिये। लेकिन गांधीजी हिन्दू धर्म एवं धर्मशास्त्रों में दृढ़ विश्वास रखते थे जबकि डॉ. अम्बेडकर के अनुसार हिन्दू धर्म असमानता, अन्याय एवं शोषण का प्रतीक था। डॉ. अम्बेडकर की मान्यता थी कि परम्परागत हिन्दू धर्म के स्थान पर न्याय, समानता, स्वतंत्रता एवं बंधुत्व के दर्शन पर आधारित एक मानव धर्म की पुनर्स्थापना की जाये जबकि गांधीजी यह स्वीकार करते थे कि हिन्दू धर्म विश्व का श्रेष्ठ धर्म है तथा उसमें कुछ बुराइयां आ गई हैं लेकिन धर्मशास्त्रों की सम्मति इन बुराइयों के प्रति नहीं है।