( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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महाभारत में गणित विषयक तत्त्व

    1 Author(s):  DR BHAGWAN DAS JOSHI

Vol -  11, Issue- 6 ,         Page(s) : 256 - 259  (2020 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

महाभारत भारतीय परम्परा में र्ध्मशास्त्रा एवं स्मृतियों के समान एक र्ध्म ग्रन्थ के रूप में प्रसि( है। गणित विषय की उपयोगिता मानव जीवन में पग-पग दिखाई पडती है यहाँ तक कि घर की छोटी-छोटी घटनाओं से लेकर बडी से बडी कार्य प(तियों में गणना की प्रधनता होती है यह गणना संख्या के माध्यम से की जाती है। संख्याए ही गणित का मूल है क्योंकि गणित की विभिन्न प्रकार की प्रक्रियाएं संख्याओं पर लम्बित गणित पर ही आज का सम्पूर्ण विज्ञान भी आधरित है गणित की प्रशंसा में आचार्य महावीर का कथन है कि लैकिन वैदिक और सामाजिक व्यापार में गणित का उपयोग है। कामशास्त्रा, अर्थशास्त्रा, गार्न्ध्वशास्त्रा, नाट्यशास्त्रा, पाकशास्त्रा, आयुर्वेद, वास्तुशास्त्रा आदि में तथा छन्द, अलंकार, काव्य, तर्क, व्याकरण और अन्य कलाओं में गणित की परम अनिवार्यता उपयोगिता स्वतः सिघ् है।

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