( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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महिला सशक्तिकरण और स्वयं सहायता समूह (एक समाजशास्त्रीय अध्ययन )

    1 Author(s):  NAVIN KUMAR

Vol -  2, Issue- 2 ,         Page(s) : 220 - 224  (2011 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

स्वयं सहायता ही सर्वेत्तम सहायता है, संगठित होंगे तो खड़े होंगे और विघटित होंगे तो गिर पड़ेगें, एकता ही शक्ति है इत्यादि उक्तियों से हम भली-भांति परिचित है । समाज के गठन विभिन्न वर्गो के आधर पर हुआ है । वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में महिलाएँ प्रायः अभी अनेक क्षेत्रों में यथा-शिक्षा स्वास्थ्य, रोजगार, वैचारिक, स्वतंत्राता, स्वावलंबन आदि के दृष्टिकोण से पीछे है । नारी अगर सशक्त होगी तभी एक परिवार, समाज और राष्ट्र मजबूत होगा ।

1. सबयासाची दास ;2003द्ध : कुरूक्षेत्रा, अगस्त 2003, पी-25
2. एनजीओ एण्ड रूरल डेवलपमेंट थ्योरी एण्ड प्रैक्टिस - जोएल, एस.जी.आर. बोस
3. सामाजिक परिवर्तन की रूपरेखा- एम0 एस0 श्रीनिवास
4. माइक्रोक्रेडिट - मुहम्मद युनुस
5. कामता प्रसाद ;2003द्ध : एन जी ओ एस एण्ड साइको-इकोनोमिक डवलपमेन्ट ऑपरयुनीटीज, 2003, एडिशन-1
6. पी. सतीश ;2005द्ध : इकोनोमिक या पालटिकल विक्ली, अप्रैल 23, 2005, पी-1732 ।
7. रघुराम रांजन ;2006द्ध : पफाइनेन्स या डवलपमेन्ट मार्च-2006 पी-56

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