International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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संस्कृत भाषा के प्रचारक और संवर्द्धक : महामहोपाध्याय प्रो. शिव वरण शुक्ल जी
2 Author(s): KRISHNA KUMAR PANDEY ,DR JANAMEJAY MISHRA
Vol - 10, Issue- 4 , Page(s) : 639 - 642 (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
प्रो. शिववरण शुक्ल जी का जन्म 22 फरवरी 1952 ई. को उत्तर प्रदेश के रायबरेली जनपद के पतित पावनी गंगा के तट पर श्री पं. राम प्रसाद शुक्ल का पुरवा (गौरी) के अति साधारण किसान परिवार में हुआ। श्री शुक्ल जी का समग्र परिवार भगवान शिव का आराधक है। काशी नगरी से इनको अगाध प्रेम रहा है। श्री शुक्ल जी प्राइमरी से इन्टरमीडिएट तक का अध्ययन ग्रामीण अंचल में एवं एम. ए. (संस्कृत) का अध्ययन कानपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध फिरोज गाँधी कॉलेज रायबरेली से हुआ। श्री शुक्ल ने संस्कृत में सर्वोच्च अंक प्राप्त कर 26.11.1976 से फिरोज गांधी कॉलेज रायबरेली में प्रथम दिन से ही च्वेज ळतंकनंजम ब्सेंमे में अध्यापन कार्य प्रारम्भ किया। 1982 में पी. एच. डी. और 1987 में शिक्षा क्षेत्र की सर्वोच्च डिग्री डी. लिट् की उपाधि प्राप्त की।