1 . मोहन राकेश, धर्मयुग, 17 दिसम्बर 1972, पृ. 23
2. मोहन राकेश, लहरों का राजहंस, पृ. 10
3. मोहन राकेश, दिनमान, 10 दिसम्बर, 1972
4. मोहन राकेश, धर्मयुग, 17 दिसम्बर, 1972, पृ. 23
5. 20वीं शताब्दी हिन्दी साहित्य : नये सन्दर्भ, ’आधुनिक हिन्दी नाटक’, पृ. 224
6. मोहन राकेश, आषाढ़ का एक दिन, पृ. 47
7. वही, पृ. 49