International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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डॉ0 शरद सिंह के कहानी संग्रह ‘तीली तीली आग‘ में स्त्री जीवन की सामाजिक समस्याएँ
1 Author(s): POONAM CHAUHAN
Vol - 11, Issue- 8 , Page(s) : 139 - 146 (2020 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
‘‘आद्य परमपुरूष अकेले होने पर भी अकेले नहीं थे, अन्तर में युगल थे। षिव के साथ यदि शक्तिन हो तो षिव असहाय है, कोरी कल्पना है। हर पुरूष में एक स्त्री होती है और हर स्त्री में एक पुरूष। अगर ये दोनों धु्रव न हों तो ऊर्जा का संचरण ही नहीं हो सकता, यही सृष्टि का विधान है? वास्तविकता है जिसे भारतीय मनीषा ने अर्द्धनारीष्वर के रूप में व्यक्त किया है। चेतन पुरूष और जड़ प्रकृति के संयोग से ही यह जगत उत्पन्न हुआ है। नैसर्गिक विषमता को न मानकर ज्यों-ज्यों भेद मिटाने की चेष्टा करते हैं, त्यों-त्यों विघटन बढ़ता जाता है।