International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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कर्म की कसौटी पर कफ़न का मूल्यांकन
1 Author(s): ADITYA PATHAK
Vol - 11, Issue- 8 , Page(s) : 198 - 203 (2020 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
हिंदी आलोचना-जगत् में किसी रचना की आलोचना विचारधारा की कलम से की जा रही है । इसीलिए वर्त्तमान समय में आलोचना-जगत् में नई क्रांति नहीं हुई है ।आलोचक विचार पर विचार करते हैं और रचना-सौंदर्य स्वतः उपेक्षित हो जाता है। कहानी 'कफ़न' के साथ भी यही हुआ है ।कहा जा सकता है कि उसके साथ न्याय नहीं हुआ है।