International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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किशोरावस्था में अध्ययनरत् जनजाति बालिकाओं की समायोजन संबंधी समस्यायें
1 Author(s): NANDNI KUMARI
Vol - 8, Issue- 10 , Page(s) : 212 - 215 (2017 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
किशोरावस्था में बड़े संघर्षो, तनाव एवं तूफानों तथा विरोध की अवस्था कहा गया हैं। इस अवस्था में बालिकाओं को काफी संघर्षो का सामना करना पड़ता हैं, क्यों की इस अवस्था में शारीरिक विकास के साथ-साथ अन्य विकास भी तीव्र गति से होते है। यह संपूर्ण जीवनकाल का सबसे महत्वपूर्ण व चुनौतीपूर्ण समय होता हैं। इस अवस्था में बालिकाओं का झुकाव जिस ओर जाता हैं उसी दिशा में वह जीवन में अग्रेतर बढ़ती जाती हैं। संयुक्त राष्ट्र बालकोष यानि युनिसेफ (2007) ने 21 विकसित देशो के बच्चों और किशोर, किशोरियों की शैक्षिक और भावात्मक स्थिति के साथ-साथ समग्र विकास के बारे में पहली बार अध्ययन किया गया हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया हैं कि ब्रिटेन और अमेरिका की स्थिति अन्य 21 देशों की सूची में सबसे नीचे हैं। वहां के किशोरों, किशोरियों के चहुमुखी विकास व स्वास्थ्य बहुत चिंताजनक हैं। इस सर्वेक्षण में नीदरलैंड को पहला स्थान मिला हैं। वहां के बच्चों का भावनात्मक, शैक्षिक, सामाजिक और सभी तरह का विकास अन्य देशों से बेहतर हैं। भारत की स्थिति भी बहुत ही दयनीय व चिंताजनक हैं।