International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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श्री अरविन्द का राष्ट्रवाद और मानवता को उनकी देन
1 Author(s): RAN SINGH YADAV
Vol - 11, Issue- 9 , Page(s) : 94 - 108 (2020 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
हाँ हम अपने षोध के माध्यम से यह बताना चाहेंगे कि श्री अरविंद का अपने राष्ट्र और मानवता को उनकी देन क्या क्या रही। श्री अरविन्द जिस सत्य को यहाँ उद्घाटित करना चाह रहे है वह मानव मन की समझ से बहुत उपर एवं वृहत् है। इतिहास के समस्त साक्ष्य इस बात के प्रमाण है कि जब भी मनुष्य अपने जीवन के वास्तविक लक्ष्य और प्रयोजन को भूल गया और उसने अपने आप को आध्यात्मिक अंधेरों में खोया हुआ पाया तभी एक अति बलवती आत्मा, जो प्रभु की शक्ति को अभिव्यक्त करने में सक्षम थी, पृथ्वी पर अवतरित हुई, ताकि वह मानव चेतना को उसकी सहायक बनकर या तो दिव्य संस्पर्ष द्वारा अथवा प्रकृति में चल रहे क्रम-विकास के लक्ष्य द्वारा आगे बढ़ने में सहयोग दे सके। वर्तमान काल में मानव जाति ऐसे ही विकासवादी संक्रमण काल से गुजर रही है जिसमें उसकी नियति का चुनाव अंतर्निहित है।