International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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उर्वशी : नारी चिंतन और कामाध्यात्म का काव्य
1 Author(s): DR. UMASHANKER
Vol - 10, Issue- 3 , Page(s) : 359 - 366 (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
ष्उर्वषीष् रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित गीति नाट्य है। 1961 ई. में प्रकाषित इस काव्य नाटक में कवि ने उर्वषी और पुरूखा की प्राचीन कथा को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत किया है। दिनकर की तीन प्रसिद्ध प्रबंध कृतियॉं हैं- ष्कुरूक्षेत्रष्ए ष्रषिमरथीष्ए ष्उर्वषीष्। इन तीनों विचारप्रधान काव्यों में एक समानता है कि कवि ऐतिहासिक-पौराणिक कथाओं के माध्यम से मानव जीवन की आधुनिक समस्याओं पर चिंतन करते हैं। इन काव्यों का मूल विशय ष्समस्याष् है जबकि पुराण और पौराणिक पात्र निमित्त मात्र हैं।