International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
**Need Help in Content editing, Data Analysis.
Adv For Editing Content
नारी सशक्तिकरण
1 Author(s): DR.KRISHNA KUMAR
Vol - 11, Issue- 9 , Page(s) : 322 - 324 (2020 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
सशक्तिकरण का मतलब है समाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक रूप से समृद्ध करना। यह आत्म विश्वास को भी बल देता है। यह हमारे निर्णय लेने की क्षमता को भी विकसित करता है। भारतीय एकता की प्रेरक शक्ति के रूप में नारी वैदिक काल से लेकर आजतक अपनी सुगंध विखेर रही है। वैदिक कालीन भारतीय समाज में नारियों की स्थिति काफी सशकत मानी जाती थी। उस समय स्त्रियों को मातृबल एवं देवी तुल्य माना जाता था। वेदों में तो नारियों को समस्त अधिकार प्रदान करने की बात की गयी है। मनु ने कहा है