International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
**Need Help in Content editing, Data Analysis.
Adv For Editing Content
महान देशभक्त वीरांगना झलकारी बाई
1 Author(s): MEENAKSHI KUMARI
Vol - 10, Issue- 1 , Page(s) : 496 - 498 (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
ब्रिटिश साम्राज्यवादी उपनिवेशवाद के शोषणकारी स्वरुप के खिलाफ संचित आक्रोश की अभिव्यक्ति 1857 की क्रांति के रुप में प्रस्फुटित हुई। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शंखनाद के साथ ही भारतीय स्वतंत्रता संग्राम औपचारिक तौर पर आरंभ हो गया।1 भारतवर्ष की इस पावन धरती पर महिलाओं ने अपने बैर रखने वालों को यह बता दिया कि अपने देश के सम्मान व रक्षा के लिए प्राणों की परवाह नहीं करेगी और न ही दुश्मनों के सामने घुटने टेकेगी।2 राष्ट्रीय आंदोलन में समर्पित क्रांतिकारी महिलाओं ने भी पुरुषों के कंघा से कंघा मिलाकर अद्भूत शौर्य का परिचय दिया है उन्होंने सरफरोशी की तमन्ना और मातृभूमि की बलिवेदी पर सर्वस्व न्योछावर कर ब्रिटिश हुक्मरानों को स्तब्ध कर दिया।