International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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महात्मा गाँधी और महिला सुधार
1 Author(s): DR AJAY KUMAR SINGH
Vol - 4, Issue- 3 , Page(s) : 586 - 601 (2013 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
गाँधी जी चाहते थे कि पुरूषों के साथ-साथ सित्रयाँ भी देश की स्वतंत्रता के अहिंसक सत्याग्रह संग्राम में भाग लें और जो रचनात्मक कार्यक्रम इस आन्दोलन का अभिन्न अंग है उसको कार्यानिवत करने में अग्रणी हों। इसीलिए घर की सित्रयों से मिलना उनके लिए आवश्यक ही था। उन्होंने तो जो भी प्रवृŸाि शुरू की उसमें सित्रयों को बराबर शामिल किया।1 सत्याग्रह जैसे संग्राम में अपासर धीरज और शिकायत किये बगैर मूक कष्टसहन की शकित आवश्यक होती है और ये ऐसे गुण है जो पुरूषों की अपेक्षा सित्रयों में ज्यादा होते है।