International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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कर्म सिद्धान्त और पुनर्जन्म
1 Author(s): DR. RAVINDRA KUMAR MISHRA
Vol - 11, Issue- 8 , Page(s) : 293 - 294 (2020 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
मृत्यु के पश्चात् मनुष्य का क्या होता है? हम कहाँ जाते है? कठोपनिषद् में नचिकेता, यम से यही प्रश्न पूछता है। इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए उपनिषद् भारतीय दर्शन के दो महत्त्वपूर्ण सिद्धान्तो- कर्म सिद्धान्त और पुनर्जन्म सिद्धान्त का प्रतिपादन करते है। उपनिषदो में बार-बार कहा गया है कि मनुष्य मृत्यु के पश्चात् अपने द्वारा किए गए कर्मों के अनुसार नये शरीर को धारण करता है। इस जन्म के कर्म, दूसरे जन्म में सुख-दुःख का कारण बन जाते है।