ट्टषियों का मन्त्राद्रष्टृत्व या कत्र्तृत्व: निरुक्त और वेद की साक्षी
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Author(s):
KULDEEP , DR .SATYAPAL SINGH
Vol - 9, Issue- 2 ,
Page(s) : 112 - 121
(2018 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
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Abstract
प्रस्तुत लेख में संक्षेप से ट्टषियों वेफ मन्त्रा रचयितृत्ववाद पर विचार किया गया है। वेद तथा निरुक्त की साक्षी वेफ संदर्भ में ट्टषियों वेफ रचयितृत्व-पक्ष का खण्डन करवेफ द्रष्टृत्व-पक्ष की स्थापना की गई है। इसी संदर्भ में भारतीय परम्परा की मान्यता वेफ निदर्शन वेफ लिये ब्राह्मण, आरण्यक, उपनिषद, ध्र्मशास्त्रा तथा भाष्यकार की सि(ान्तरूप अवधरणाओं का भी अतिसंक्षेप से प्रस्पुफटन किया है। भारतीय परम्परा वेफ रूख का दिगदर्शन कराना भी निरुक्त तथा वेद की साक्षी वेफ लिये आवश्यक है।
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