International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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भवभूतिकालीन रूपकों में शिक्षा का अर्थ एवं उसके स्वरूप का विवेचन।
1 Author(s): DR. RAKESH KUMAR
Vol - 2, Issue- 1 , Page(s) : 165 - 167 (2011 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
शिक्षा मानव जीवन की महानतम प्राप्तियों में से एक है। इसके अभाव में मानव पशु की श्रेणी में चला जाएगा। वस्तुतः शिक्षा की बदौलत ही मानव ने अपनी सभ्यता, संस्कृति एवं प्रगति का महल खड़ा करने में सफलता पाई है। शिक्षा ही मानव को सामजिक, अनुशासित, कार्यकुशल, व्यवहार-दक्ष तथा जागरूक बनाती है।