International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
**Need Help in Content editing, Data Analysis.
Adv For Editing Content
भट्टिकाव्य में संस्कृत साहित्यशास्त्र एवं व्याकरणशास्त्र में वर्णित ऐतिहासिक दृष्टिकोण से काव्य का विशिष्ठ स्थान
1 Author(s): KRISHNA KUMAR
Vol - 7, Issue- 2 , Page(s) : 284 - 289 (2016 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
महाकवि भट्टि ने कृति द्वारा अपने व्यक्तित्व को संपूर्ण जगत में प्रकाशित किया, भट्टिकाव्य में साहित्यशास्त्र एवं व्याकरणशास्त्र का इतिहास मनोहर रहा है। महाकवि भट्टि द्वारा रचित भट्टिकाव्य विद्वानों के लिए दीप तुल्य है। इन्होंने साहित्यशास्त्र एवं व्याकरणशास्त्र को अमृतरूपी काव्य प्रदर्शन करते हुए संस्कृत साहित्यशास्त्र का इतिहास को तीन चरणों में विभाजित किया।