( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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शिक्षा, अभिमत तथा आधुनिकीकरण एक समाजशास्त्रीय अध्ययन

    1 Author(s):  DR. RAJESH KUMAR CHAUDHARY

Vol -  9, Issue- 3 ,         Page(s) : 568 - 572  (2018 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

भारत में आधुनिकीकरण की प्रक्रिया का प्रारंम्भ बहुत ही हो गया था। यदि हम पदमूलक गतिशीलता को आधुनिकीकरण की एक विशेषता माने तो हम देखते हैं कि भारत में संस्कृतिकरण के माध्यम से पिछले ढ़ाई हजार वर्षो से आधुनिकीकरण की प्रक्रिया चल रही है। भारत में तब वर्ण व्यवस्था का प्रचलन था। प्रो0 एम0 एन0 श्री निवास ने पाया कि भारत में प्रत्येक युग में विभिन्न वर्ण और जातियाँ कभी आर उठती रही कभी नीचे गिरती रही। उदाहरण के लिए वैदिक काल में ब्राह्यमणों की स्थिति अजेय थी और क्षत्रियों का पद गौण था। मुझे उसके बाद ब्राह्यणों के कर्मकाण्डों विरूद्ध क्षत्रिय राजकुमारों ने जैनवाद एव बौद्ध के नये सुधार आंदोलनों को उदय साधारण किसान जनजातियों से हुआ।

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