( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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भगवती प्रसाद वाजपेयी के उपन्यासों में चित्रित सौन्दर्य भावना-बोध

    1 Author(s):  DR. SUSHMA YADAV

Vol -  5, Issue- 2 ,         Page(s) : 300 - 308  (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

भगवती प्रसाद वाजपेयी के उपन्यासों में चित्रित सौन्दर्य भावना-बोध बड़ी स्वभाविक है। भगवती प्रसाद वाजपेयी जी के उपन्यास साहित्य में चित्रित नारी सौन्दर्य भावना-बोध अप्रतिम बन पड़ा है। इनमे आधिकांश उपन्यास नारी सौन्दर्य तथा नारी सौन्दर्य आकर्षण से प्रेरित पुरूष पे्रम मूलक है। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि उनके उपन्यास में नारी सौन्दर्य वर्णन समपृक्त है। सौन्दर्य के कारण ही पुरूष पात्र स्त्रियों की ओर आकर्षित होकर प्रेमालाप करने लगते हैं। सौन्दर्याकर्षित प्रेम सौन्दर्य को सुन्दर-सुन्दर खूबिया उनके उपन्यासों में है।

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1. आधुनिक हिन्दी गघ व्यास कुमार गर्ग, लीडर पे्रस, संस्करण साहित्य 1975ई0 
2. हिन्दी साहित्य का डाॅ0 लक्ष्मी सागर वाश्णेय लोक भारती गवेष्णात्मक इतिहास प्रकाशन, इलाहाबाद संस्करण 1958
3. हमारे उपन्यासकार व्यथित ह्दय, विश्व भारतीय प्रकाशन, 
रायपुर संस्करण 1960 

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