( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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आचार्य भरत प्रणीत नाट्‌यशास्त्र में निरूपित वास्तुकला के तत्त्व

    1 Author(s):  AKHILESH KUMAR TRIPATHI

Vol -  4, Issue- 3 ,         Page(s) : 907 - 920  (2013 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

नाट्‌यशास्त्र भारतीय कला परम्परा का एक आकार ग्रन्थ ही नहीं अपितु यह एक विश्वकोशात्मक और सर्वांगीण ग्रन्थ है। नाट्‌य में संसार की सारी कलाएँ ज्ञान, शिल्प और विज्ञान समाहित हो सकते हैं, पर उसके अपने मंच पर, उस मंच की निजता को भंग किये बिना यह समागम होता है।

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1. नाट्यशास्त्रा - द्विवेदी, रेवाप्रसाद
2. वुफमार सम्भव
3. अथर्ववेद - सातवलेकर दामोदर
4. कला विवेचन - वुफमार विमल
5. शिशुपालवध्
6. नाट्यशास्त्रा विश्वकोश - त्रिपाठी, राधवल्लभ, अक्षवर प्रकाशन, वाराणसी
7. Abhinavbharti – Prof. D. Subha Rao, Vol. I.
8. Comparative Aesthestics – Vol. I.

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