International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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सामाजिक जीवन को साहित्य में उकेरती नॉॅबेल पुरस्कृत नारी साहित्यकार
1 Author(s): SANTOSH
Vol - 5, Issue- 2 , Page(s) : 553 - 560 (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
आज का लेखक वर्ग, बनाम शिक्षक वर्ग में नारी सशक्तिकरण पर चर्चाए-परिचर्चाए की जा रही हैं प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों द्वारा समय-समय पर सेमिनारों (संगोष्ठियो) का आयोजन किया जा रहा है नारी व्यक्तित्व को निखारने की पुरजोर वकालत की जा रही है नारी को प्रेरित करने के लिए तरह-तरह की योजनाएं संचालित करने की सलाह दी जा रही हे। उत्साहवर्धन हेतू सम्मानसूचक प्रमाण पत्र, पदवी आदि देने की मुहिम चलाई जा रही हैं, ताकि नारी अपने जीवन की बागडोर किसी अन्य के हाथों में न दे। अपनी इच्छानुसार जिन्दगी को मुकाम तक ले जा सके। इक ऐसा दौर लाकर खड़ा कर सके कि वहां उसे कोई इशारा करने की भी हिम्मत न कर सके प्रताडि़त करना तो दूर। कुछ हद तक यह प्रयास सफल भी हुए हैं यह इन्हीं प्रयासों का परिणाम है