International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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सूचना का अधिकार: मड़राते खतरे
1 Author(s): ARVIND KUMAR SINGH
Vol - 5, Issue- 3 , Page(s) : 85 - 95 (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
सरकार ने मई 2004 में न्यूनतम साझा कार्यक्रम के जरिए स्वच्छ और पारदर्शी शासन देने के लिए 23 दिसम्बर 2004 को संसद में सूचना का अधिकार विधेयक पेश किया। लोकसभा मंे लम्बी बहस के बाद 11 मई 2005 को 146 संशोधनों के साथ सूचना के अधिकार से सम्बन्धित विधेयक को मन्जूरी दे दी गयी तथा अगले दिन राज्य सभा ने पारित कर दिया। राष्ट्रपति की मन्जूरी के बाद 12 अक्टूबर 2005 को यह कानून पूरे देश में लागू हो गया। देश को आजादी मिलने के बाद अब तक सबसे कारगर और प्रभावी कानूनों में से एक, सरकारी काम-काज में पारदर्शिता लाने तथा आम नागरिकों को न्याय दिलाने का एक असरदार हथियार सिद्ध हुआ है। ंयह कानून कई मामलों में सरकारी कार्य प्रणाली की कलई खोल चुका है।