1. दूसरा सप्तक, वक्तव्य- रघुवीर सहाय पृ. 139
2. रघुवीर सहाय संचयिता पृ. स. 240
3. ‘दूसरा सप्तक’ की वक्तव्य
4. ‘आत्महत्या के विरू(’, अपने आपमें बेकार, पृ.19
5. ‘आत्महत्या के विरू(’, मेरा प्रतिनिध्,ि पृ. 27
6. हँसों-हँसों जल्दी हँसों, रामदास पृ.27
7. लिखने का कारण 158
8. वही पृ. 147
9. आत्महत्या के विरू(, अध्निायक पृ. 58
10. सुरेश शर्मा... रघुवीर सहाय कविकर्म पृ. स. 132
11. हँसों हँसों जल्दी हँसों- पृ. 25
12. लिखने का कारण पृ. 97
13. लिखने का कारण पृ. 101
14. ‘आत्म हत्या के विरू(’, मेरा प्रतिनिध्-ि पृ. 27
15. हँसों हँसों जल्दी हँसों पृ. 1
16. हँसों-हँसों जल्दी हँसों, चेहरा, पृ.66
17. ;सड़क पर रपट, हँसों-हँसों जल्दी हँसों, पृ. 31
18. आत्महत्या के विरू(, वक्तव्य पृ. 10
19. आत्महत्या के विरू( पृ. 29
20. आत्महत्या के विरू(, पृ. 25
21. ‘आत्म हत्या के विरू(’, एक अध्ेड़ भारतीय आत्मा पृ. 95
22. रघुवीर सहाय रचनावली भाग-3 पृ.404
23. आत्महत्या के विरू( काव्य संग्रह की भूमिका