1. दिनकर रामधारी सिंह, (1956) संस्कृति के चार अध्याय, पृ. 50; राजपाल एण्ड सन्स, काष्मीरी गेट, दिल्ली, द्वितीय संस्करण
2. मध्यप्रदेष के भोपाल के पास भीमबैठका के शैलचित्रों में डाॅ. वाकणकर ने नृत्यरत षिव के स्वरूप का उल्लेख किया है।
3. पाण्डेय कैलाषचन्द्र - उध्र्वलिंगी - प्रागैतिहासिक सम्प्रदाय, श्रछ।छ।.च्त्।ट।भ्।ए त्मेमंतबी श्रवनतदंसए छवण् ग्ट ;2011.12द्धए टंतंदंेपय चैबे एम.सी. (1977) लकुलीष इन इण्डियन आर्ट एण्ड कल्चर, शारदा पब्लिषिंग हाउस दिल्ली
4. देव शांताराम, भालचन्द्र (1976) पुरातत्व विद्या, पृ.-191-209, कान्टिनेन्टल प्रकाषन पूना
5. लेखिका के द्वारा किया गया सर्वेक्षण
6. ऋग्वेद - 2,33,4 / 2,33,8
7. शुक्ल द्विजेन्द्रनाथ (संवत् 2013) भारतीय वास्तु शास्त्र प्रतिभा विज्ञान पृ.-37 लखनऊ
8. यजुर्वेद 16वां अध्याय, 2,3;
9. शुक्ल द्विजेन्द्रनाथ - पूर्वाेक्त पृ. 34
10. गैरोला वाचस्पति (1973), भारतीय संस्कृति और कला, पृ.-111, लखनऊ
11. महाभारत - अनुशासन पर्व, राव टी. गोपीनाथ (1968) एलिमेन्टस आफ हिन्दू आइक्नोग्राफी, भाग 1, पृ. 61-62, द्वितीय संस्करण, दिल्ली
12. महाभारत - सभा पर्व, 15वां अध्याय।