जयपुर जिले में खनिज व उद्योगों का विकसित प्रतिरूप एवं भविष्य की संभावनाएॅं
2
Author(s):
DR SAVITRI , HEMRAJ BAIRWA
Vol - 5, Issue- 9 ,
Page(s) : 94 - 106
(2014 )
DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
Abstract
प्रस्तावना ’’खनिज प्रकृति में पाये जाने वाले ठोस, जड़ तथा रासायनिक पदार्थ है, जो भूगर्म से खनन क्रिया द्वारा बाहर निकाले जाते है।’’ आर्थिक दृष्टि से गुणवत्ता तथा पर्याप्त मात्रा में खनिज उपलब्धता प्रत्येक देष के आधारभूत उद्योगों के विकास के लिए आधार प्रस्तुत करते है। आधारभूत उद्योग (लौह इस्पात, सीमेंन्ट, तांबा और एल्यूमिनियम, ही द्वितीयक उद्योगों (मषीन, औजार परिवहन और उपकरण) के विकास को निर्धारित करते है। द्वितीयक उद्योग विभिन्न प्रकार के उपभोक्ता सामग्रीयाॅं से सम्बन्धित उद्योगों के विकास में सहायक होते हंै।
- मामोरिया चतुर्भुज एवं सिसौदिया एम.एस. पर्यावरण एवं विकास साहित्य भवन पब्लिषर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स, आगरा (डण्च्ण्) 2007
- द्विवेद्वी ए.पी.एच. चतुर्वेदी जे.के. भू प्रबंधन एवं संरक्षण हरियाणा साहित्य अकादमी, चण्डीगढ़, 1997
- राव वी.पी. एवं श्रीवास्तव वी.के. पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी, वसुन्धरा प्रकाषन, गोरखपुर (यू.पी.) 2006
- भल्ला एल. आर. राजस्थान का भूगोल, 2012 पंचषील प्रकाषन, जयपुर (राज.)
- संसाधन और पर्यावरण, डाॅ. वी.पी. राव, वसुन्धरा प्रकाषन, 236 दाडदपुर, गोरखपुर (यू.पी.)
- राजस्थान एक समग्र अध्ययन, 2009 डाॅ. प्रवीण झा, राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, झालना सांस्थानिक क्षेत्रा, जयपुर (राज.)
- कुमार प्रमीला एवं शर्मा श्रीकमल, औद्योगिक भूगोल, 2009 मध्य प्रदेष हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, रवीन्द्र नाथ ठाकुर मार्ग, बानगंगा, भोपाल (एम.पी.)
- शुक्ला, लक्ष्मी 1987 ‘एनवायरनमेन्टल एप्रेजल आॅफ राजस्थान’ एण्ड अपब्लिष्ड रिसर्च प्रोजेक्ट, पृ.सं. 311
- क्लार्क पी. 1966 इण्डस्ट्रीयल लोकेषनल एण्ड इकोनोमिक पोटेन्षियल लाइडस बैंक रिव्यू पृ.सं. 82-87.
- चैधरी, एम.आर. 1970 इण्डियन इण्डस्ट्रीज, डवलपमेंट एण्ड लोकेषनल, इण्डिया बुक हाऊस, कोलकाता (भारत)
- एन्वायरनमेंन्ट असेसमेन्ट रिपोर्ट, जयपुर, राजस्थान दिसम्बर 2012.
- इण्डस्ट्रीज पोटेषियम सर्वे जयपुर डिस्ट्रिक, मई 2013
- गजेटियर आॅफ राजस्थान, 2012
- प्रतियोगिता दर्पण, मई 2012
- द हिन्दू डेली न्यूज पेपर, 2013 पृ. सं. 12-13
- योजना और कुरूक्षेत्र क्रमषः दिसम्बर माह (2013) और नवम्बर (2012) मन्थली पत्रिका।
|